डिव्हिडिड क्या होता हैं :- जब आप किसी कंपनी के शेयर खरीदते हैं तो आप कंपनी के 1 प्रतिशत के मालिक बन जाते हैं, अगर कंपनी मुनाफे में है तो आपको उस कंपनी के कुछ शेयर मुफ्त में मिलते हैं। ऐसे शेयर को लाभांश कहते हैं। यह शेयर कंपनी द्वारा अपनी शेयर होल्डिंग के हिसाब से दिया जाने वाला इनाम होता है। आपके हिसाब से आपको डिडक्शन दिया जाता है और कुछ कंपनी आपको लाभांश देती है। कुछ शेयर आपको साल में दो बार दिए जाते हैं।
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डिव्हिडिड क्या होता हैं? (what is Dividend in Hind)
डीवीडी एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को दिया जाने वाला लाभ है। जब कोई कंपनी लाभ कमाती है, तो वह अपने शेयरधारकों को नकद या अतिरिक्त शेयर बोनस शेयरों के रूप में कुछ लाभ देती है। लाभ होता है सबसे पहले लाभ के लिए टैक्स काटा जाता है, इसलिए कंपनी को इसके लिए एक डीवीडी मिलती है।

डिव्हिडिड कैसे मिलता हैं?
डीव्हीडंट मिलने की प्रक्रिया कुछ इस प्रकार होती है
1) कंपनी बोर्ड मिटिंग मे फैसला करते है किंवा इस साल डिव्हीडंट देगी या नही देगी उसी सबसे आपका डिवीटन डिसाईड होता है क्या आपको कितनी मिलने वाला है
2) डीव्हीडंट की राशि और तारीख घोषित की जाती है इसे डिक्लेरेशन डेट कहा जाता है (Declaration Date)
3) फिर एक रेकॉर्ड डेट लोगो के पास शेर होते है उन्हे डीव्हीडंट मिलता है विह तारीख डिसाईड घेतली जाते की ये तारीख को आपके अकाउंट में शेर की हिसाब से डिवीटन आपको दिया जायेगा (record Date )
4) कृषी समय डिव्हिडन्स ओके बँक अकाउंट में ट्रान्सफर दिया जाता है
डीव्हीडंट के प्रकार
1)Cash dividend
2)stock dividend
3) special Dividend
4)final Dividend
5)interim Dividend
1) कॅश डिव्हीडंट (Cash Dividend ):- दिनेश धारको को सी देऊन के बँक अकाउंट में पैसे ट्रान्सफर की जाते है जिनके आपण शेड्युलर होते है उनकी अकाउंट ट्रान्सफर किया जाता है
2) स्टॉक डिव्हीडंट (stock dividend ) :- कंपनी नगर की जगह अतिरिक्त शेर देती है इसे ही स्टॉप डिव्हीडंट कहा जाता है
3) स्पेशल डिव्हीडंट (स्पेसिअल Dividend ) – जो कंपनी को कोई एक मुक्त मुनाफ होता है जैसे किसी कंपनी की संपत्ती की विक्री तो वह निवेश देविदास देती है इसेही स्पेशल डिव्हीडंट कहा जाता है जो डिसाईड नही रहता की आपको मिलेगा या नही मिलेगा पर ये कभी कभी हो जाता है की कंपनी की एखादी संपत्ती बिग गई जो व्यायामाइस मे होने वाली थी और जादा उसे हम स्पेशल डिव्हीडंट कहते है
4) फायनल डिव्हीडंट ( final Dividend ):- वर्ष के आदमी दिया जाने वाला नियमित लाभ हमी अभी बात की है की डिव्हिडंट को कंपनी साल मे दो बार देती है जो कंपनी दो बार देते है याने साल के पहिले इसमे और सारखे लास्ट मे उसी को ही फायनल कहा जाता है जो फायनल यांनी मार्च मे आपको मिलता है
5) इंटरियम डिव्हीडंट (interim Dividend ):- साल के बीच मे दिन जानेवाला डिव्हीडंट को इंटर कहा जाता है
डिव्हिडन्स से जुडी महत्त्वपूर्ण तिथीया
डिक्लेरेशन डेट (declaration Date) :- जब कंपनी टीव्ही टन देने की घोषणा करते है उसे डिक्लेशन डेट कहते है
रेकॉर्ड डेट (record Date ):- जिस तारीख तक शहर होल करणे वाले को डिव्हीडंट मिलने का यह तारीख रेकॉर्ड कहा जाता है
ऍक्टिव्हेटेड डेट (ex- dividend date) :- इस तारीख के बाद शेर खरीदने वालो को डिव्हीडंट नही मिलेगा
पेमेंट डेट (payment date) :- जब निवे शके भुकतान किया जाता है उसे ही पेमेंट कहा जाता है
डिव्हीडंट काम निवेशो को के लिए महत्व :-
क्या नियमित रूप से बनाए रखा गया निवेश सेवानिवृत्त लोगों के लिए एक अच्छा विकल्प है?
यह इस बात का संकेत है कि लाभांश देने वाली कंपनी मजबूत और लाभदायक है
एचडीएफसी आईसीआईसीआई बैंक जैसे नियमित जमाकर्ताओं वाले शेयर लंबी अवधि के ब्याज पर अच्छा रिटर्न दे सकते हैं।
कर लाभ लाभांश कुछ तिथियों पर कर मुक्त भी हो सकते हैं
क्या हर कंपनी डिव्हीडंट देती है?
नही कुछ कंपनिया खास खबर गोद स्टेज मे या स्टाईल नही देती है वो अपने पुरा मुनाफा व्यवसाय को बढाने मे लगाते है और स्थित कंपनी है जैसे टीसीएस इन्फोसिस एचडी है
डिव्हीडंट यील्ड क्या होता है?
ड्युटी बताता है की किस शहर से मिलने वाला डिव्हिटा उसकी मार्केट प्राइस का कितना प्रतिशत है फार्मूला डिव्हीडंट ॲनिमल शेअर भागीला हंड्रेड उदाहरण के लिए अगर किसी कंपनी का सौ रुपये का है वह उस पर पाच रुपये का डिव्हिजन देती है
निष्कर्ष
डीवीडी में स्टॉक सिस्टम होता है जो उन्हें उनके निवेश पर नियमित रिटर्न देता है। यह केवल आय का एक स्रोत है। बल्किंग कंपनी में स्थिरता और वित्तीय स्वास्थ्य का कुछ संकेत होता है।
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