Profit and Loss Statement :- जब हम किसी व्यवसाय की वित्तीय स्थिति को समझने की कोशिश करते हैं, तो तीन मुख्य वित्तीय दस्तावेज सामने आते हैं – बैलेंस शीट, कैश फ्लो स्टेटमेंट और लाभ और हानि स्टेटमेंट (पी एंड एल स्टेटमेंट) जिसे आय स्टेटमेंट या ऑपरेशन का स्टेटमेंट भी कहा जाता है, इससे पता चलता है कि कंपनी ने एक निश्चित अवधि में कितनी आय (राजस्व) अर्जित की है और कितना खर्च (व्यय) हुआ है। यहां हमें पता चलता है कि कंपनी लाभ में चल रही है या नहीं, कंपनी घाटे में चल रही है या नहीं।
इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे
प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट क्या होता है ?
लाभ और हानि एक वित्तीय रिपोर्ट है जो किसी कंपनी की आय, व्यय, कर, ब्याज और शुद्ध लाभ, कुल बिक्री, राजस्व, परिचालन और गैर-परिचालन व्यय, एक निश्चित समय अवधि के लिए लाभ और हानि को दर्शाती है। कंपनी में क्या चल रहा है और यह कैसा प्रदर्शन कर रही है? लाभ और हानि विवरण क्या है? पूरी जानकारी हिंदी में

यह रिपोर्ट कब बनाई जाती है
तिंमाही , छमाही, वार्षिक ,एक कंपनी को एक रिपोर्ट की जरूरत होती है, तीन महीने, छह महीने या एक साल में, कंपनी को तीन बार रिपोर्ट तैयार करके देनी होती है क्योंकि कुछ के अनुसार, कंपनी को अपने शेयरधारकों को जवाब देना होता है कि कंपनी में क्या चल रहा है, क्या नहीं चल रहा है, क्या कंपनी घाटे में है या कंपनी के पास संपत्ति है या नहीं, क्या कंपनी ने कोई संपत्ति खरीदी है या कोई लेनदेन हुआ है, कंपनी की देनदारी क्या है, कंपनी की स्थापना कितनी बड़ी है, कंपनी की बिक्री कितनी है, कंपनी का कुल विकास दिखाया गया है, कंपनी इसका प्रबंधन कैसे करती है।
प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट के मुख्या घटक
रेवेनु आय :-कंपनी द्वारा अपने विभिन्न स्रोतों से प्राप्त आय को राजस्व के रूप में जाना जाता है। बिक्री का संबंध एक लेखा वर्ष के दौरान ग्राहकों और ग्राहकों को पैसे के बदले में माल और सेवाओं की बिक्री से है। बिक्री को अन्य आय के साथ जोड़कर राजस्व की गणना की जा सकती है।
लागत मूल्य :-माल के उत्पादन से सीधे जुड़े सभी खर्च और लागतें आपूर्ति की गई वस्तुओं की लागत (COGS) में शामिल हैं। हालाँकि, बेची गई वस्तुओं की लागत में ऐसे खर्च शामिल नहीं हैं जो सीधे उत्पाद से संबंधित नहीं हैं, जैसे कि विपणन और विज्ञापन। सकल राजस्व और मार्जिन पर पहुँचने के लिए राजस्व (बिक्री) को COGS से घटाया जाता है। लाभ मार्जिन जितना कम होगा, COGS उतना ही अधिक होगा। गणना में उपयोग किए जाने वाले लेखांकन मानकों के आधार पर COGS का मूल्य बदल सकता है।
ऑपरेटिंग एक्स्पेंसेस ( operating Expenses ) :- कर्मचारी का वेतन किराया देना पानी का बिल देना बिजली का बिल देना मार्केटिंग वेतन और विज्ञापन देना ऑफिस में कुछ सामान लाना कंपनी बीमा क्यों नहीं करा रही है या कंपनी में कुछ खरीद क्यों नहीं रही है?
ब्याज और कर (Interest and Taxes )
1. Interest (ब्याज) क्या होता है?
Interest वह राशि है जो कोई कंपनी अपने लिए लिए गए कर्ज़ (loan/debt) पर बैंक या अन्य वित्तीय संस्थान को चुकाती है।
उदाहरण:
अगर किसी कंपनी ने ₹10 लाख का बिज़नेस लोन लिया है और उस पर 10% सालाना ब्याज देना है, तो कंपनी को हर साल ₹1 लाख interest के रूप में चुकाना होगा।
कहाँ दिखता है?
- यह आमतौर पर Profit and Loss Statement (P&L) में Interest Expense के रूप में दिखाया जाता है।
- यह Operating Profit के बाद घटाया जाता है।
2. Taxes (कर) क्या होते हैं?
Taxes वह राशि है जो कंपनी अपनी कमाई (profit) पर सरकार को देती है।
प्रकार:
- Income Tax (आयकर): कंपनी की शुद्ध कमाई पर लगाया जाता है।
- GST, VAT: बिक्री और सेवाओं पर लगाए जाते हैं, पर ये ज्यादातर indirect होते हैं और ग्राहक से वसूले जाते हैं।
- Corporate Tax: प्राइवेट लिमिटेड और पब्लिक लिमिटेड कंपनियों पर लागू होता है।
कहाँ दिखता है?
इसे भी Operating Profit और Interest घटाने के बाद जो बचता है, उस पर लगाया जाता है।
P&L में इसे Income Tax Expense कहा जाता है।
P&L स्टेटमेंट क्यों महत्वपूर्ण है?
निवेशकों के लिए:
• यह कंपनी की कमाई और खर्च को समझने में मदद करता है।
• यह बताता है कि कंपनी लाभ में है या घाटे में।
व्यापारियों के लिए:
• लागत और आमदनी का तुलनात्मक विश्लेषण।
• बजट योजना और खर्च नियंत्रण में सहायक।
वित्तीय संस्थानों के लिए:
• लोन देने से पहले कंपनी की फाइनेंशियल हेल्थ की जाँच।
P&L स्टेटमेंट को कैसे पढ़ें?
रेवेन्यू ग्रोथ की जाँच करें
– पिछले साल की तुलना में आमदनी बढ़ी या घटी?
खर्च पर ध्यान दें
– कौन-कौन से खर्च बढ़ रहे हैं?
नेट प्रॉफिट पर फोकस करें
– क्या कंपनी लगातार मुनाफे में है?
EPS पर नज़र रखें
– क्या प्रति शेयर कमाई बढ़ रही है?
P&L स्टेटमेंट कैसे बनाते हैं?
चरण 1: बिक्री और अन्य आमदनी दर्ज करें
चरण 2: COGS घटाएं
चरण 3: ऑपरेटिंग खर्च घटाएं
चरण 4: ब्याज और टैक्स जोड़ें
चरण 5: शुद्ध लाभ या हानि निकालें
P&L स्टेटमेंट और GST/Tax Filing
• भारत में कंपनियाँ अपनी Profit and Loss Statement को आयकर रिटर्न (ITR) और GST फाइलिंग के लिए उपयोग करती हैं।
• CA या अकाउंटेंट द्वारा प्रमाणित होना आवश्यक होता है।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)
Q1: क्या केवल लाभ में चल रही कंपनी ही अच्छी होती है?
A: जरूरी नहीं। स्थिर ग्रोथ, कम कर्ज और संतुलित खर्च भी जरूरी हैं।
Q2: क्या Net Profit और Cash Flow एक ही होते हैं?
A: नहीं, Net Profit लेखांकन के नियमों पर आधारित होता है, जबकि Cash Flow वास्तविक नकदी प्रवाह दर्शाता है।
Q3: क्या छोटी कंपनियाँ भी P&L स्टेटमेंट बनाती हैं?
A: हाँ, यह आवश्यक है, विशेषकर यदि कंपनी टैक्स फाइलिंग, बैंक लोन या निवेश के लिए आवेदन कर रही हो।
निष्कर्ष (Conclusion)
प्रॉफिट एंड लॉस स्टेटमेंट किसी भी कंपनी की कमाई और खर्च का लेखा-जोखा होता है। यह सिर्फ एक कागज़ का टुकड़ा नहीं बल्कि कंपनी की आर्थिक सेहत का आईना होता है।
अगर आप निवेशक हैं, तो आपको P&L स्टेटमेंट पढ़ना ज़रूर आना चाहिए। इससे आप सही निर्णय ले सकते हैं कि किस कंपनी में निवेश करना फायदेमंद होगा।
Read More At :- FinanceNewTips.Com