Bear market :– शेयर मार्केट में निवेश करते समय मुख्य बात होती है पूरा मार्केट, जबकि मार्केट बीच का मार्केट होता है बियर मार्केट क्लोजिंग रिक्वेस्ट का मार्केट होता है, जब मार्केट में नेगेटिव ट्रेंड होता है तो निवेश करते समय यह देखा जाता है बियर मार्केट बियर मार्केट होता है बियर मार्केट में आप ज्यादा निवेश कर सकते हैं या नहीं भी कर सकते हैं क्योंकि बियर मार्केट का मतलब होता है कि मार्केट में पूरी तरह से नेगेटिव फोर्स है और मार्केट नीचे जाने वाला है इसीलिए कोई ट्रांजेक्शन नहीं हो रहा है हमें मार्केट को देखकर भी सामने से फैसला लेना होता है हम जानते हैं कि हमारी खोज मार्केट पर निर्भर करती है हमें निर्णय लेते समय उसे देखकर ही काम करना चाहिए.
Table of Contents
Bear market क्या होता हैं
Bear Market का मतलब होता है शेयर बाजार में लंबी अवधि की गिरावट जब स्टॉक प्राइस लगातार नीचे गिरते हैं और निवेशकों में डर या नकारात्मकता फैल जाती है, तब उस स्थिति को Bear Market (बेयर मार्केट) कहा जाता है.

Bear Market के संकेत (Indicators of a Bear Market)
1. 📉 शेयरों की कीमतों में लगातार गिरावट
2. 😟 निवेशकों का आत्मविश्वास घटता है
3. 📉 Sensex और Nifty में गिरावट
4. 🏦 कम कॉर्पोरेट प्रॉफिट और खराब GDP ग्रोथ
5. 🧍♂️ नए निवेशकों की भागीदारी कम हो जाती है
6. 📉 बाजार में कम लिक्विडिटी और ज्यादा बेरोजगारी
Bear Market के चरण (Phases of Bear Market)
- High Valuation Phase (शुरुआती चरण)
• शेयरों की कीमतें अधिक होती हैं लेकिन असली वैल्यू से मेल नहीं खाती। - Correction Phase (सुधार का चरण)
• बाजार गिरना शुरू करता है। निवेशक घबराकर बिकवाली शुरू करते हैं। - Capitulation Phase (समर्पण चरण)
• निवेशक हार मान लेते हैं। बिकवाली और डर का माहौल। - Stabilization Phase (स्थिरता चरण)
• गिरावट रुकती है और बाजार धीरे-धीरे संभलने लगता है।
Bear Market के कारण (Causes of Bear Market)
• आर्थिक मंदी (Recession)
• ब्याज दरों में वृद्धि (High interest rates)
• वैश्विक अनिश्चितता (जैसे युद्ध या महामारी)
• कॉर्पोरेट नतीजों में गिरावट
• निवेशकों का अविश्वास
• राजनीतिक अस्थिरता
भारत में Bear Market के प्रमुख उदाहरण
✅ 2008 Global Financial Crisis:
• Lehman Brothers के डूबने के बाद भारतीय बाजार में तेज गिरावट।
• Sensex लगभग 21000 से गिरकर 8000 तक आ गया।
✅ 2020 COVID-19 Crash:
• महामारी के कारण निवेशकों में घबराहट।
• मार्च 2020 में Sensex 40000 से गिरकर 26000 के नीचे आ गया।
Bear Market में निवेश रणनीति (Investment Strategy in Bear Market)
- स्मार्ट SIP निवेश करें
• हर गिरावट पर SIP से निवेश करना लंबी अवधि में फायदेमंद होता है। - Blue-Chip स्टॉक्स पर ध्यान दें
• मजबूत और स्थिर कंपनियों में निवेश करें जिनका बिजनेस मॉडल टिकाऊ हो। - Defensive सेक्टर्स चुनें
• FMCG, हेल्थकेयर, यूटिलिटी जैसे सेक्टर्स मंदी में भी अच्छा प्रदर्शन करते हैं। - Cash Reserve रखें
• निवेश के लिए कुछ पैसे बचाकर रखें ताकि जब बाजार नीचे हो, आप खरीद सकें। - Overreaction से बचें
• डर में आकर सारे निवेश न निकालें। लॉन्ग टर्म लक्ष्य पर ध्यान दें।
Bear Market में किन गलतियों से बचना चाहिए?
• Panic selling (घबराकर सब कुछ बेचना)
• लोन लेकर निवेश करना
• अफवाहों पर भरोसा करना
• ओवरट्रेडिंग
• पोर्टफोलियो की लगातार निगरानी न करना
Bear Market किन-किन एसेट क्लास में हो सकता है?
• शेयर बाजार
• क्रिप्टोकरेंसी
• गोल्ड
• रियल एस्टेट
• म्यूचुअल फंड
उदाहरण: Crypto Bear Market वह समय होता है जब बिटकॉइन या अन्य कॉइन्स में 50% से ज्यादा गिरावट होती है।
Bear Market से क्या सीख मिलती है?
1. धैर्य रखना सबसे बड़ी रणनीति है
2. लंबी अवधि का नजरिया रखना जरूरी है
3. गिरावट के समय खरीदारी करने से ज्यादा लाभ मिलता है
4. Diversification यानी विविधता जरूरी है
5. फाइनेंशियल प्लानिंग से डर कम होता है
निष्कर्ष
बियर मार्केट शब्द सुनने में डरावना लग सकता है लेकिन अगर घर का मालिक कोई काम ना करे तो घर में यह ताकत बहुत ज्यादा बढ़ सकती है और मंदी के समय आपकी जरूरत होती है हम कोई भी मार्केट खोलते हैं वह मार्केट के हिसाब से खरीदारी होती है आपके लोग देख सकते हैं आप क्या पोजीशन ले रहे हैं बियर मार्केट का मतलब है मार्केट नेगेटिव है मार्केट में नेगेटिव ट्रेंड का कारण यह है कि मार्केट बहुत नीचे जा रहा है इसलिए आपकी समझदारी आपके बहुत काम आती है मुझे लगता है कि आपको उस पैसे को इन्वेस्ट करते समय सोच समझ कर ही इन्वेस्ट करना चाहिए।
Read More At :- FinanceNewTips.Com