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Cash Flow Statement क्या होता है? पूरी जानकारी आसान हिंदी में

Cash Flow Statement

Cash Flow Statement :- कोई भी व्यवसाय तभी सफल होता है जब उसमें समय पर नकदी प्रवाह हो। कंपनी का लाभ तब तक बेकार है जब तक कि उसे नकदी में परिवर्तित नहीं किया जाता। यहां कैश फ्लो स्टेटमेंट महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यहां वित्तीय रिपोर्ट हमें बताती है कि कंपनी में पैसा किस स्रोत से आया और खर्च हुआ है। यह कंपनी की वर्तमान स्थिति को दर्शाता है। कंपनी स्टेटमेंट बनती है क्या आप साथ में हैं ये कैसे बनती है तो आप यह पूरा ब्लॉग चेक करना या पढ़ना होगा

कैश फ्लो स्टेटमेंट क्या होता है ? ( what is Cash Flow statement )

कैश फ्लो स्टेटमेंट (CFS) एक ऐसा वित्तीय विवरण है जो किसी निश्चित अवधि (जैसे तिमाही या वर्ष) में कंपनी में नकद और नकद समतुल्य (Cash and Cash Equivalents) के प्रवाह (Inflow) और बहाव (Outflow) को दर्शाता है।
सरल भाषा में कहें तो:
यह स्टेटमेंट बताता है कि कंपनी ने कितना पैसा कमाया और कहाँ-कहाँ खर्च किया।


कैश फ्लो स्टेटमेंट का उद्देश्य (Purpose of Cash Flow Statement)
• नकदी की स्थिति का आकलन करना
• व्यवसाय की तरलता (Liquidity) समझना
• निवेश और खर्च के निर्णयों में मदद करना
• फाइनेंशियल हेल्थ का विश्लेषण करना

कैश फ्लो स्टेटमेंट के प्रकार (Types of Cash Flow)


कैश फ्लो स्टेटमेंट को तीन भागों में विभाजित किया जाता है:
ऑपरेटिंग कैश फ्लो (Cash Flow from Operating Activities)
यह वह नकद होता है जो कंपनी की मुख्य व्यवसायिक गतिविधियों से आता है या खर्च होता है।
उदाहरण:
• कस्टमर से प्राप्त भुगतान
• इन्वेंटरी की खरीद
• वेतन भुगतान
यह कंपनी की core operations से नकदी प्रवाह दर्शाता है।

इन्वेस्टिंग कैश फ्लो (Cash Flow from Investing Activities)


इस भाग में कंपनी की निवेश से संबंधित गतिविधियाँ शामिल होती हैं।
उदाहरण:
• मशीनरी, उपकरण, संपत्ति की खरीद
• निवेशों से प्राप्त नकदी
• अन्य कंपनियों में हिस्सेदारी खरीदना
यह दिखाता है कि कंपनी अपने संसाधनों का दीर्घकालीन उपयोग कैसे कर रही है।

फाइनेंसिंग कैश फ्लो (Cash Flow from Financing Activities)


इसमें कंपनी की फंडिंग से संबंधित गतिविधियाँ शामिल होती हैं जैसे:
उदाहरण:
• लोन प्राप्त करना या चुकाना
• डिविडेंड भुगतान
• नए शेयर जारी करना
यह बताता है कि कंपनी अपने पूंजी ढांचे (Capital Structure) को कैसे प्रबंधित कर रही है।

कैश फ्लो स्टेटमेंट कैसे बनाते हैं? (How to Prepare a Cash Flow Statement?)

Step-by-step तरीका:

🔹 चरण 1: नेट प्रॉफिट लें (Net Profit from P&L)

🔹 चरण 2: नॉन-कैश आइटम जोड़ें (जैसे डिप्रीसिएशन, अमॉर्टाइजेशन)

🔹 चरण 3: वर्किंग कैपिटल में परिवर्तन समायोजित करें

🔹 चरण 4: इन्वेस्टिंग और फाइनेंसिंग गतिविधियाँ जोड़ें/घटाएँ

🔹 चरण 5: प्रारंभिक और अंतिम नकद बैलेंस दिखाएँ

कैश फ्लो स्टेटमेंट के संकेतक (Key Ratios from Cash Flow Statement)

  1. Operating Cash Flow Ratio

फॉर्मूला:

Operating Cash Flow / Current Liabilities
जितना अधिक, उतनी अच्छी कंपनी की भुगतान क्षमता।

  1. Free Cash Flow

फॉर्मूला:

Operating Cash Flow – Capital Expenditures
यह निवेश के बाद शुद्ध नकद को दर्शाता है।

  1. Cash Flow Coverage Ratio

फॉर्मूला:

Operating Cash Flow / Total Debt
कंपनी की कर्ज चुकाने की क्षमता को दर्शाता है।

उदाहरण द्वारा समझें (Illustrative Example)

मान लीजिए एक कंपनी की वर्षभर की रिपोर्ट निम्नलिखित है:

ऑपरेटिंग:
• ग्राहक से नकद प्राप्त: ₹ 10 लाख
• वेतन, किराया, बिजली: ₹ 5 लाख

Net Operating Cash Flow = ₹ 5 लाख

इन्वेस्टिंग:
• मशीनरी खरीद: ₹ 2 लाख

Net Investing Cash Flow = -₹ 2 लाख

फाइनेंसिंग:
• लोन लिया ₹ 3 लाख
• डिविडेंड ₹ 1 लाख

Net Financing Cash Flow = ₹ 2 लाख

Total Net Cash = ₹ 5 – 2 + 2 = ₹ 5 लाख

कैश फ्लो स्टेटमेंट का विश्लेषण कैसे करें?

क्या कंपनी का ऑपरेटिंग कैश पॉजिटिव है?

– इसका मतलब बिज़नेस अच्छा चल रहा है।

क्या कंपनी सिर्फ फाइनेंसिंग से चल रही है?

– इसका मतलब अलार्मिंग स्थिति हो सकती है।

क्या इन्वेस्टिंग कैश नेगेटिव है?

– यह ग्रोथ का संकेत हो सकता है।

अक्सर पूछे जाने वाले सवाल (FAQs)

Q1: क्या कैश फ्लो स्टेटमेंट और P&L में एक ही बात होती है?

A: नहीं, P&L लाभ-हानि दिखाता है, कैश फ्लो केवल नकद की गति।

Q2: क्या सिर्फ लाभ में होने वाली कंपनियाँ ही अच्छी होती हैं?

A: नहीं, नकदी प्रवाह भी अच्छा होना चाहिए।

Q3: क्या स्टार्टअप के लिए कैश फ्लो ज्यादा महत्वपूर्ण है?

A: हाँ, क्योंकि उन्हें निरंतर नकदी की आवश्यकता होती है।

एक आसान उदाहरण

मान लीजिए XYZ कंपनी ने एक साल में निम्न नकदी गतिविधियाँ कीं:

Operating Cash Flow:

Investing Cash Flow:

Financing Cash Flow:

नेट कैश फ्लो = ₹2,00,000 – ₹1,50,000 + ₹50,000 = ₹1,00,000

इसका मतलब साल के अंत में XYZ कंपनी के पास ₹1,00,000 नकद में बढ़ोतरी हुई।

निष्कर्ष (Conclusion)

कैश फ्लो स्टेटमेंट एक ऐसा दस्तावेज है जो कंपनी की असली आर्थिक स्थिति का खुलासा करता है। एक कंपनी अगर लाभ में है लेकिन नकदी नहीं है, तो वह जल्द ही संकट में पड़ सकती है।

निवेशक, बैंक, एनालिस्ट और कंपनी के आंतरिक प्रबंधन – सभी के लिए यह रिपोर्ट अनिवार्य और बेहद महत्वपूर्ण है।

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